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बिहार में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने उठाया यह अनूठा कदम, क्या ये बदल सकता है राज्य का शिक्षा स्तर?


बिहार में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने अत्याधुनिक और अनूठा कदम उठाया है। इसका मकसद है राज्य के शिक्षा स्तर में बदलाव लाना। इस उद्यम के माध्यम से नए शिक्षा नीतियों के प्रयासों को सशक्त बनाया जा रहा है ताकि छात्रों को उच्च स्तर की शिक्षा दी जा सके। 

यह सरकारी पहल, छात्रों और अभिभावकों के बीच एक सकारात्मक माहौल बनाने का प्रयास है जिससे उनकी शिक्षा में सुधार हो सके। यह उपाय शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण चरण है जो बिहार के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की संभावनाएं बढ़ा सकता है।

नीतीश सरकार ने उठाया यह कदम

शिक्षा क्षेत्र को गतिशील और मजबूत बनाने के लिए, बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों के नियमित निरीक्षण को बढ़ावा देने के साथ-साथ अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के वेतन में कटौती के बारे में कई कदम उठाए हैं। इस महत्वपूर्ण अभियान के बारे में एक परिपत्र में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य है शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को सुनिश्चित करना और अधिकारिक मंडलों के साथ मिलकर शिक्षा को सुधारने के लिए संघटित होना। 

जिलाधिकारियों से अपील की गई है कि वे हर हफ्ते कम से कम दो बार सभी स्कूलों का निरीक्षण करें और इस प्रक्रिया के दौरान अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के वेतन में कटौती जैसे कदम उठाएं। यह पहल शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है जो शिक्षकों के अनुपस्थिति की समस्या को हल करने और उन्हें जिले में शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए अवश्यक माना जा रहा है।

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राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने 24 जून को जारी परिपत्र में एक अहम निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, एससीईआरटी में सेवानिवृत्त सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यदिवस के पूर्वाह्न नौ बजे तक कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है, और उन्हें रात आठ बजे तक काम करने का निर्देश दिया गया है। 

यह उपाय संगठन की उच्चतम प्रबंधन स्तर को दर्शाता है और स्टाफ की समर्पण और मेहनत की प्रशंसा करता है। इस पहल के माध्यम से, एससीईआरटी ने सुनिश्चित किया है कि सरकारी संगठन के अधिकारी और कर्मचारी अपनी कार्य समय का प्रयोग समयबद्धता के साथ करें और उच्चतम गुणवत्ता में कार्य करने के लिए संकल्पित हों।

26 जून से प्रभावी होगी नयी कार्यसारिणी

संबंधित सूत्रों के अनुसार, शनिवार को कार्यालय के द्वार छह बजे तक खुले रहेंगे। इसके साथ ही, नई कार्यसारिणी 26 जून से प्रभावी होगी। एक महत्वपूर्ण परिपत्र में आदेश दिया गया है कि सभी अधिकारी कड़ाई से नयी कार्यसारिणी का पालन करें और हर सप्ताह उपस्थिति की समीक्षा करें। विशेष रूप से, जिला शिक्षा अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि वे अवकाश के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करें एसीएस से अनुमति प्राप्त करने के लिए। पत्र में स्पष्ट कहा गया है, “केवल आपात स्थिति में ही वे अपने वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।”

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23 जून को अपने पत्र में, बिहार शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी, सचिव के.के. पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को विशेष अनुरोध किया है। उन्होंने सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली की निगरानी करने, मध्याहन भोजन की व्यवस्था की सुनिश्चिता करने, शौचालयों की स्थिति, पेयजल की उपलब्धता और शिक्षकों व कर्मियों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया है। 

यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो शिक्षा प्रणाली के गुणवत्ता को सुनिश्चित करने और बिहार के विद्यार्थियों को एक उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए अवश्यक है। इस पहल के माध्यम से, शिक्षा विभाग ने अपनी संकल्पना साबित की है और बिहार के शिक्षा संस्थानों को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने का वादा किया है।

Arshdeep Singh

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