Latest News

Don’t Judge Book By it’s Cover: जाने विराट कोहली को 10वी के नंबर, मार्क्स देख आप भी हो जाएंगे आचंभित


Don’t Judge Book By it’s Cover: कभी-कभी हमें किसी चीज़ की साक्षात्कार से आदर्शों और संकेतों का सबसे बड़ा सबक मिलता है। यही तो विराट कोहली की कहानी है, जिन्होंने दिखाया कि सफलता की कीमत केवल परीक्षाओं के नंबरों में नहीं मापी जा सकती। विराट कोहली, जिन्होंने खुद को खेल के क्षेत्र में बहुत बड़ी मुखां हासी की है, उनके 10वीं के नंबर आपको चौंका देंगे।

उनके 10 वीं के मार्क्स और आज के सफलता के पीछे छुपे उनके परिश्रम, मेहनत और आत्म-संघर्ष की कहानी आपके अंतरात्मा को पुनर्निर्माण करेगी और आपको सिखाएगी कि सफलता के मापदंड वास्तव में क्या होते हैं। यह एक अनूठी कहानी है जिससे हम सब अपने जीवन में नये दिशानिर्देश प्राप्त कर सकते हैं।

Don’t Judge Book By it’s Cover: Story of Virat Kohli

विराट कोहली, जो दुनियाभर में अपने क्रिकेट प्रदर्शनों से मशहूर हैं, वास्तव में एक अनूठी और प्रेरणादायक कहानी के धरोहर हैं। उन्होंने साबित किया कि सफलता का माप परीक्षा के अंकों में नहीं होता। विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट की चोटी पर बुलंदियों को छूने में सफलता पाई है और उनकी कैप्टनी में टीम इंडिया ने अनेक विजयी परिणाम हासिल किए हैं। वे विशेष रूप से इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि वे दिखा रहे हैं कि कई बड़े सपनों को पाने के लिए आयु को बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं है।

इस बार की विशेषता यह है कि विराट कोहली की 10वीं कक्षा की मार्कशीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह दिखाता है कि उन्होंने अपनी शिक्षा की यात्रा में किए गए मार्क्स के साथ-साथ आत्म-संघर्ष और प्रेरणा के महत्व को भी सीखा है। विराट कोहली ने अपनी 10वीं कक्षा में इंग्लिश और सोशल साइंस में 80 से अधिक अंक हासिल किए, जो उनके प्रतिबद्धता और मेहनत की प्रतिक है। उन्होंने गणित और विज्ञान में भी संघर्ष किया और यह दिखाया कि सफलता के लिए सिर्फ मार्क्स ही काफी नहीं होते, बल्कि उम्र कम होने के बावजूद भी आत्म-समर्पण और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है।

See also  नहीं रहे “Yeh kaali kaali aankhen” गाने लिखने वाले मशहूर lyricist Dev Kohli

विराट कोहली की मार्कशीट ने हमें यह सिख दिलाया है कि हमें किसी व्यक्ति की सफलता का मूल्यांकन करते समय केवल उनके अंकों की ओर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि उनके संघर्ष, समर्पण, और परिश्रम को भी महत्वपूर्ण बनाना चाहिए। इसका सन्देश है कि सफलता पाने के लिए सिर्फ अच्छे मार्क्स ही काफी नहीं होते, बल्कि सही मार्गदर्शन, उम्र की कोई परिसीमा नहीं होने के बावजूद भी संघर्ष और उत्साह आवश्यक होते हैं।

Harry

Myself Harmeet Singh, completed my degree of B.Tech from Amritsar University. Currently, I am working on this website as a professional manager and administrator of contents. I have more than 4 year experience of proper content and website management with proper knowledge of SEO and web analysation. Currently, I aim to make proper research and deliever quality content to all the visitors of this Website.